Apple Launch iphone manufacturing company in india, अब भारत में भी बनेंगे आईफोन। इंडिया में लॉन्च हुई आईफोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी

Apple Launch iphone manufacturing company in india, अब भारत में भी बनेंगे आईफोन। इंडिया में लॉन्च हुई आईफोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी 

भारत में आईफोन बनाने में चीनी कंपनियां भूमिका निभाएंगी, ताइवान की मदद भी मिलेगी। आईफोन का चीन से बाहर उत्पादन करना एपल के लिए आसान नहीं।


iphone manufacturing full details 

आईफोन निर्माता एपल ने भारत में असेम्बलिंग यूनिट शुरू की है। कंपनी चीन से अपने मैनुफैक्चरिंग यूनिट को भारत में शिफ्ट करना चाहती है, लेकिन आईफोन-14 की लॉन्चिंग के साथ यह भी साफ हो गया है। कि एपल के लिए चीन से बाहर यूनिट ले जाने में कितनी कठिन चुनौतियां हैं। 


आईफोन के निर्माण में चीन के इंजीनियर्स बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। विश्लेषकों 'के अनुसार, आईफोन-14 के निर्माण, डिजाइनिंग में पहले से कहीं ज्यादा चीनी कर्मचारियों और पार्ट्स मुहैया कराने वाली चीनी कंपनियों की भागीदारी है।


इसमें निर्माण डिजाइन, स्पीकर और बैटरी शामिल है। इसके परिणामस्वरूप आईफोन एक ऐसा उत्पाद बन गया है, जिसे कैलिफोर्निया में डिजाइन किया गया है और चीन में बनाया गया है। यानी यह अमेरिका और चीन दोनों देशों में बना है।


भारत में आईफोन बनाने में भी चीनी कंपनियां भूमिका निभाएंगी, ताइवान की मदद भी मिलेगी।


भारत में आईफोन बनाने की योजना में चीनी कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। चेन्नई में ताइवानी आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन के अलावा लिंगी आईटेक और बीवाइडी समेत अन्य चीनी कंपनियां उपकरण भेजती है, जिसे भारत में असेम्बल किया जाता है। ये कंपनियां चार्जर समेत अन्य पार्ट्स मुहैया कराती हैं। बीवाईडी आईफोन के डिस्प्ले के लिए ग्लास उपलब्ध कराती है। प्रौद्योगिकी अनुसंधान फर्म लूप वेंचर्स के प्रबंध भागीदार जीन ने कहा, 'वे विविधता लाना चाहते है। जबकि चीन पर बहुत अधिक निर्भर हैं।'


आईफोन के विकास में एपल को कड़ी चुनौती


चीन में सस्ता श्रम और बेजोड़ उत्पादन क्षमता के साथ उसके कारखानों में कंपनियों को लुभा रही हैं। चीन के इंजीनियरों और आपूर्तिकर्ताओं ने उच्च तकनीक वाले गैजेट बनाने के लिए अमेरिकी कंपनियों को आकर्षित किया है।


ताइवान से बढ़ते तनाव को देखते हुए एपल अपना निर्माण यूनिट चीन से हटाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन आईफोन के लिए चीन ने जो जिम्मेदारियां संभाली हैं, वे एपल को इस प्रयास में कठिन चुनौती दे सकती हैं।








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